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ज्योतिष के अनुसार जानिये गर्भधारण करने का सबसे सही समय

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गर्भावस्था हर महिला के जीवन के सबसे खूबसूरत पलों में से एक है। एक महिला के लिए यह बेहद जबरदस्त और रोमांचकभरी स्थिति होती है जब वह एक नन्ही-सी जान को जन्म देती है। नन्हे बच्चे की किलकारियों के बिना हर घर सूना-सूना लगता है। घर में खुशनुमा माहौल बना रहें इसके लिए कपल्स बच्चा प्लान करते हैं। सही समय पर गर्भधारण करना जीवन के सबसे महत्वपूर्ण फैसलों में से एक है। इन दिनों ज्योतिषी ही व्यक्ति की हर तरह की समस्या का समाधान है। गर्भावस्था ज्योतिषी भी इन्हीं में से एक है। इन दिनों ज्यादातर लोग अपना बच्चा प्लान करने से पहले एक बार ज्योतिषी की सलाह लेने को प्राथमिकता दे रहे हैं।

नहीं मिल रहा लाभ, तो एक बार ज्योतिष की सलाह जरूर लें-

यदि आप अब तक गर्भवती होने के कई तरीके आजमा चुकी हैं लेकिन फिर भी आपको लाभ नहीं मिल रहा है तो आप गर्भावस्था ज्योतिष के जरिये प्लानिंग कर सकती हैं। हालांकि, इसका परिणाम हमेशा सुनिश्चित नहीं होता है लेकिन हां इससे आपको अपने बच्चे की प्लानिंग में काफी सहायता मिल सकती है। ज्योतिष उन चमकती हुई रोशनी में से एक है जो आपके भविष्य को उजागर कर सकती है।

यहां कुछ दिशानिर्देश दिए गए हैं जो गर्भावस्था में आपकी मदद कर सकते हैं-

  • गर्भ धारण करने के लिए महिला का स्वास्थ्य अच्छा होना बेहद जरूरी है, ऐसे में नकारात्मक प्रभावों से हमेशा दूर रहना चाहिए। यदि महिलाओं का स्वास्थ्य मजबूत होता है तो उनमें गर्भवती होने की भी तीव्र इच्छा होती है।
  • पंचम भाव की स्थिति भी बहुत महत्वपूर्ण होती है। अगर यह ग्रह सकारात्मक दिखता है तो इसका मतलब है कि आपका बच्चा स्वस्थ है। संतानप्राप्ति योग का निर्धारण करने के लिए इन ग्रहों का अध्ययन किया जाता है।
  • अशुभ ग्रह, सूर्य, राहु, केतु, शनि पंचम भाव और उसके स्वामी को प्रभावित करते हैं, ऐसे में बच्चे को गर्भ धारण करने में समस्या पैदा करते हैं।
  • जन्म कुंडली का अध्ययन करने के लिए ज्योतिषी पंचम भाव और बृहस्पति दोनों का विश्लेषण करते हैं और गर्भावस्था के समय की भविष्यवाणी करते हैं।
  • जो लोग कुंडली में संतान प्राप्ति के लिए प्रबल दशा और योग दिखाना चाहते हैं वह गर्भावस्था के लिए सबसे बेहतर समय ही चुने।

गर्भावस्था की योजना बनाने के लिए कौन सा समय सबसे बेहतर?

जन्म के समय घर में ग्रहों की स्थिति का अध्ययन करना ही ज्योतिषी है। इन दिनों ज्यादातर लोग गर्भावस्था ज्योतिष के साथ ही अपने बच्चे के जन्म की भविष्यवाणी कर रहे हैं। बच्चे की कुंडली के अध्ययन के जरिए आप गर्भ धारण करने के लिए सबसे अच्छे समय का भी अनुमान लगा सकते हैं। तो आइए नजर डालते हैं उन नक्षत्रों, तारीखों और दिनों पर जो गर्भ धारण करने के लिए सबसे उत्तम है।

नक्षत्र

गर्भधारण की योजना बनाने के लिए नक्षत्र को सबसे बेहतर समय माना जाता है। अनुराधा, स्वाति, मृगशिरा, धनिष्ठा और शतभिषा को अच्छा नक्षत्र माना जाता है। दूसरी ओर पूर्वा फाल्गुनी, पूर्वा षड, माघ, मूल और पूर्व भाद्रपद नक्षत्र में गर्भावस्था की योजना बनाने से बचना चाहिए। शेष सभी नक्षत्र मध्यम हैं। 

तारीख

गर्भ धारण के लिए 1,3, 5, 7, 10, 12, 13 तारीखें सर्वोत्तम मानी गई हैं। दूसरी ओर, 4, 6, 8, 9, 11,14 तारीखों पर गर्भ धारण करने से बचना चाहिए। अमावस्या और पूर्णिमा पर भी गर्भावस्था की योजना बनाने से बचना चाहिए।

दिन

शास्त्रों में गर्भधारण संस्कार में मुंडन, उपनयन, विवाह की तरह ही दिन तिथि और मुहूर्त का ध्यान रखने की बात कही गई है। शास्त्रों में इसके लिए कई दिनों का उल्लेख किया गया है जब गर्भधारण शुभ और अशुभ होता है। शुक्ल पक्ष में शुक्रवार, गुरुवार, बुधवार और सोमवार को शुभ दिन माना गया है।

लग्न स्‍थान, केन्द्र और त्रिकोण में शुभ ग्रह हों। सूर्य, मंगल और गुरु का लग्न स्‍थान को देखना संतान के लिए अच्छा रहता है। और सबसे जरूरी बात जो पुराणों में भी कही गई है वह यह है कि व्यक्ति की सोच सकारात्मक होनी चाहिए और मन में अच्छी भावना होनी चाहिए। क्योंकि जैसी भावना होती है वैसा गुण संतान में आ जाता है। जन्म के दिन, समय और मुहूर्त से कुंडली भी तैयार होती है। कुंडली में अगर ग्रह अच्छे से बैठे हों तो जीवन में बड़ी आसानी से कामयाबी मिलती है। इसलिए बेहतर भाग्य और स्वास्‍थ संतान के लिए गर्भधारण से पहले माता-पिता एक बार किसी अच्छे ज्योतिष से परामर्श लें सकते हैं।

आप कैसे भविष्यवाणी करते हैं कि आपका बच्चा कब होगा?

आइए एक नज़र डालते हैं कि आखिर ज्योतिष कैसे भविष्यवाणी कर बताते हैं कि आपका बच्चा कब होगा। ज्योतिष एक वास्तुशास्त्र अवधारणा है, इसलिए इसमें कई ऐसी तकनीकें हैं जो गर्भावस्था की भविष्यवाणी करती है। यदि आप एक बेटी पैदा करने की योजना बना रहे हैं और चाहते हैं कि वह बिलकुल स्वस्थ रहे तो ऐसे में भगवान के घर को प्राथमिकता देना चाहिए। आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि प्रथम भाव का स्वामी हर प्रकार की नकारात्मकता से मुक्त हो। यदि पहला भाव सकारात्मक हो तो गर्भधारण का समय पूरी तरह से सफल होगा।

इसमें कोई शक नहीं कि इन दिनों ज्योतिषी प्रक्रिया काफी चलन में है। लेकिन किसी ज्योतिष के पास जाने से पहले आपको अपनी राशि से संबंधित सभी जानकारी होना चाहिए. ऐसे बहुत से कपल्स हैं जो गर्भावस्था की भविष्यवाणी को प्रभावित करने वाले संकेतों के बारे में जानना चाहते हैं। आइए एक नजर डालते हैं महिलाओं की फर्टिलिटी साइन पर-

  • यदि आप कर्क, वृश्चिक और मीन राशि की श्रेणी में हैं, तो आपका राशि चक्र बेहद फलदायी है।
  • तुला, वृष और मकर राशि अर्ध-फलदायी राशि है।
  • मेष, मिथुन, तुला, कन्या धनु, कुंभ बंजर और बांझ राशियाँ हैं।
  • अगर आपकी राशि बांझ है तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप बच्चे के जन्म की कल्पना नहीं कर सकते, आप ऐसा बिलकुल कर सकते हैं। यह प्रजनन क्षमता की एक सकारात्मक दर के आधार पर राशि चक्र के संकेत है।

निष्कर्ष-

इसमें कोई शक नहीं है कि ऐसे बहुत से लोग हैं जो यह विश्वास कर रहे हैं कि ज्योतिषी गर्भावस्था की भविष्यवाणी के लिए सर्वोत्तम समय के बारे में जानकारी दे सकते हैं। लेकिन फिर भी यह बहुत महत्वपूर्ण है कि स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए किसी ज्योतिष के पास जाने से पहले एक बार अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें लें।

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